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लेखनी प्रतियोगिता -16-Sep-2022 जाने कब क्या हो जाये

ठिकाना एक पल का नहीं, हिसाब सात जन्मों का करते हैं । 

कितने नादान इंसान हैं, अक्सर ऐसी नादानियां करते हैं ।। 

जूही की शादी की तैयारियों में मशगूल थे अंबिका प्रसाद । कितने अरमान थे उनके और उनकी पत्नी बेला के । पहली संतान थी जूही । पहली संतान का सुख अवर्णनीय होता है । जूही के पैदा होने के पांच साल बाद आरव का जन्म हुआ था । भगवान ने बेटा और बेटी दोनों का सुख दे दिया था अंबिका प्रसाद और बेला को । दोनों फूले नहीं समाये थे जब जूही के नन्हे कदम घर में पड़े थे । दोनों बच्चे थे भी होनहार । जूही ने बी टेक कर लिया था और एक कंपनी में जॉब कर रही थी । आरव आई आई टी कर रहा था चेन्नई से । अंबिका प्रसाद उच्च माध्यमिक विद्यालय में प्राचार्य थे । बड़ा नाम था उनका विद्यालय में । 

बारात आ गई थी । सब लोग अपने अपने कामों में व्यस्त थे । बेला को तो एक मिनट की भी फुरसत नहीं थी । मेहमानों का ध्यान रखे, हलवाई को सामान दे, अंबिका प्रसाद के संग पूजा में बैठे या जूही के खाने पीने का ध्यान रखे । जरा सी कोई कमी रह जाये तो अंबिका प्रसाद चिल्लाने लगते हैं । चकरघिन्नी की तरह घूम रही थी बेचारी । एक पल को भी फुरसत नहीं थी उसे । जूही के लिए इतना अच्छा संबंध मिला था जिसकी कल्पना भी नहीं की थी सबने । पराग बहुराष्ट्रीय कंपनी में अच्छे पैकेज पर जॉब करता है और देखने में भी वह बहुत स्मार्ट है । जूही के तो भाग्य खुल गए थे । अंबिका प्रसाद तो कहते थकते नहीं थे कि हमारी खुशियों को किसी की नजर ना लग जाये ? बेला भी भगवान से मन्नतें मांगती रहती थी । 

इतने में किसी ने कहा कि ब्यूटी पार्लर वाली आई है दुल्हन का मेकअप करने के लिए । बेला ने कहा "तो उन्हें जूही के कमरे में ले जाओ" । एक रिश्तेदार उसे जूही के कमरे में ले गया मगर वह तुरंत ही लौट आया "चाची, जूही तो वहां नहीं है" । बेला के पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई  थी । 
"अरे ढंग से देख , वहीं होगी , और कहां जायेगी" ? 
"सच चाची, मैंने सब जगह देख लिया है । आपको अगर मेरी बात पर विश्वास ना हो तो खुद देख लो" । 

अब तो बेला और घबरा गई और भागी भागी जूही के कमरे में आई । सचमुच वहां कोई नहीं था । बदहवास सी बेला सारे कमरों में देख आई मगर जूही कहीं नहीं मिली । वह इधर उधर चक्कर काट ही रही थी कि वह सामने से आते अंबिका प्रसाद जी से टकरा गई और बेहोश हो गई । अंबिका प्रसाद ने आरव और दूसरे लोगों को बुलाया और बेला के मुंह पर ठंडे पानी के कुछ छींटे डाले तो बेला होश में आ गई । सामने अंबिका प्रसाद जी को देखकर बेला की रुलाई फूट पड़ी । अंबिका प्रसाद जी ने उसे डांट दिया "शुभ काम में ये कैसा रोना धोना लगा रखा है" ? 
"वो जूही कहीं दिखाई नहीं दे रही है , मैंने सब जगह देख लिया है" । डरते हुए जैसे तैसे बेला ने कहा । 

अंबिका प्रसाद का मुंह खुला का खुला रह गया । घबराहट में उठे और जूही के कमरे की ओर भागे । जल्दबाजी में चौखट से टकरा गये और धड़ाम से गिर पड़े । "हैड इंजरी" हो गई थी उनके । उनके नाक और कानों ने खून बहने लगा । सब लोगों ने उन्हें उठाया और कार में लिटाकर अस्पताल ले गये । अस्पताल वालों ने उन्हें राजधानी के बड़े अस्पताल में रैफर कर दिया । आधे लोग उन्हें लेकर राजधानी भागे और आधे लोग जूही की तलाश करने लगे । जूही तो नहीं मिली मगर उसके कपड़ों के बीच एक खत मिल गया जिसमें लिखा था 
"पापा, मैं एक लड़के से बहुत प्यार करती हूं । वह ऐसे धर्म से आता है जिसे तुम स्वीकार नहीं कर सकते हो । इसलिए मैं यह घर छोड़कर जा रही हूं । हो सके तो मुझे माफ कर देना" 

इस खत को पढकर बेला का रक्तचाप एकदम से बढ गया और उसे दिल का दौरा पड़ गया । उधर अंबिका प्रसाद को राजधानी ले जाते हुए रास्ते में ही मृत्यु हो गई और इधर अस्पताल ले जाते हुए बेला ने भी दम तोड़ दिया । हाहाकार मच गया । एक साथ दो अअर्थी । और दुल्हन का कहीं अता पता नहीं । गम के माहौल में बारात वापस लौट गई । आरव अनाथ हो गया । जाने क्या क्या सोचा था सबने, एक ही पल में सब कुछ स्वाहा हो गया । 

एक साल बाद सभी न्यूज चैनल पर एक समाचार चल रहा था "जूही को उसके पति ने चाकुओं से गोदकर मार डाला" । ये जिंदगी कितनी अनिश्चित है । एक जरा सा गलत निर्णय पूरे परिवार को तबाह कर देता है । शादी कोई बच्चों का खेल नहीं है । सोच समझकर निर्णय लेना चाहिए । कौन जाने कब क्या हो जाये ? अगले पल का ठौर ठिकाना नहीं तो लंबी लंबी प्लानिंग का क्या फायदा" ? 

श्री हरि 
16.9.22 


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11 Comments

Achha likha hai 💐

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Mithi . S

18-Sep-2022 04:43 PM

Very nice

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Chetna swrnkar

18-Sep-2022 02:24 PM

Bahut achhi rachana

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